संधिआ वेले का हुक्मनामा – 29 मार्च 2024

धनासिरी महला ५ ॥ अब हरि राखनहारु चितारिआ ॥ पतित पुनीत कीए खिन भीतरि सगला रोगु बिदारिआ ॥१॥ रहाउ ॥ गोसटि भई साध कै संगमि काम क्रोधु लोभु मारिआ ॥ सिमरि सिमरि पूरन नाराइन संगी सगले तारिआ ॥१॥ अउखध मंत्र मूल मन एकै मनि बिस्वासु प्रभ धारिआ ॥ चरन रेन बांछै नित नानकु पुनह पुनह […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 5 फरवरी 2024

धंना ॥ गोपाल तेरा आरता ॥ जो जन तुमरी भगति करंते तिन के काज सवारता ॥१॥ रहाउ ॥ दालि सीधा मागउ घीउ ॥ हमरा खुसी करै नित जीउ ॥ पन्हीआ छादनु नीका ॥ अनाजु मगउ सत सी का ॥१॥ गऊ भैस मगउ लावेरी ॥ इक ताजनि तुरी चंगेरी ॥ घर की गीहनि चंगी ॥ जनु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 17 मई 2024

धनासरी महला ५ ॥ जतन करै मानुख डहकावै ओहु अंतरजामी जानै ॥ पाप करे करि मूकरि पावै भेख करै निरबानै ॥१॥ जानत दूरि तुमहि प्रभ नेरि ॥ उत ताकै उत ते उत पेखै आवै लोभी फेरि ॥ रहाउ ॥ जब लगु तुटै नाही मन भरमा तब लगु मुकतु न कोई ॥ कहु नानक दइआल सुआमी […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 12 अक्टूबर 2023

बिलावलु महला ५ ॥ ऐसे काहे भूलि परे ॥ करहि करावहि मूकरि पावहि पेखत सुनत सदा संगि हरे ॥१॥ रहाउ ॥ काच बिहाझन कंचन छाडन बैरी संगि हेतु साजन तिआगि खरे ॥ होवनु कउरा अनहोवनु मीठा बिखिआ महि लपटाइ जरे ॥१॥ अंध कूप महि परिओ परानी भरम गुबार मोह बंधि परे ॥ कहु नानक प्रभ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 26 अक्टूबर 2024

धनासरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जो हरि सेवहि संत भगत तिन के सभि पाप निवारी ॥ हम ऊपरि किरपा करि सुआमी रखु संगति तुम जु पिआरी ॥१॥ हरि गुण कहि न सकउ बनवारी ॥ हम पापी पाथर नीरि डुबत करि किरपा पाखण हम तारी ॥ रहाउ ॥ जनम जनम के […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 29 जून 2023

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ रागु सूही छंत महला १ घरु ४ ॥ जिनि कीआ तिनि देखिआ जगु धंधड़ै लाइआ ॥ दानि तेरै घटि चानणा तनि चंदु दीपाइआ ॥ चंदो दीपाइआ दानि हरि कै दुखु अंधेरा उठि गइआ ॥ गुण जंञ लाड़े नालि सोहै परखि मोहणीऐ लइआ ॥ वीवाहु होआ सोभ सेती पंच सबदी आइआ ॥ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 11 अप्रैल 2023

सोरठि महला ९ ॥ मन रे प्रभ की सरनि बिचारो ॥ जिह सिमरत गनका सी उधरी ता को जसु उर धारो ॥१॥ रहाउ ॥ अटल भइओ ध्रूअ जा कै सिमरनि अरु निरभै पदु पाइआ ॥ दुख हरता इह बिधि को सुआमी तै काहे बिसराइआ ॥१॥ जब ही सरनि गही किरपा निधि गज गराह ते छूटा […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 15 अक्टूबर 2023

धनासरी महला ४ ॥ कलिजुग का धरमु कहहु तुम भाई किव छूटह हम छुटकाकी ॥ हरि हरि जपु बेड़ी हरि तुलहा हरि जपिओ तरै तराकी ॥१॥ हरि जी लाज रखहु हरि जन की ॥ हरि हरि जपनु जपावहु अपना हम मागी भगति इकाकी ॥ रहाउ ॥ हरि के सेवक से हरि पिआरे जिन जपिओ हरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 9 मार्च 2024

धनासरी महला ५ ॥ वडे वडे राजन अरु भूमन ता की त्रिसन न बूझी ॥ लपटि रहे माइआ रंग माते लोचन कछू न सूझी ॥१॥ बिखिआ महि किन ही त्रिपति न पाई ॥ जिउ पावकु ईधनि नही ध्रापै बिनु हरि कहा अघाई ॥ रहाउ ॥ दिनु दिनु करत भोजन बहु बिंजन ता की मिटै न […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 26 नवंबर 2022

राग धनासरी, घर ६ में गुरु अर्जन देव जी की बाणी। अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता है। हे प्यारे संत जनो ! मेरी बेनती सुणो, परमात्मा (के सुमिरन) के बिना (माया के बंधनो से) किसी की भी खलासी नहीं होती ।रहाउ। हे मन ! (जीवन को) पवित्र करने वाले (हरि-सुमिरन […]

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