अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 29 मार्च 2023

रागु सूही महला ३ घरु १ असटपदीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ नामै ही ते सभु किछु होआ बिनु सतिगुर नामु न जापै ॥ गुर का सबदु महा रसु मीठा बिनु चाखे सादु न जापै ॥ कउडी बदलै जनमु गवाइआ चीनसि नाही आपै ॥ गुरमुखि होवै ता एको जाणै हउमै दुखु न संतापै ॥१॥ बलिहारी गुर […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 13 जनवरी 2025

सलोकु मः ३ ॥ परथाइ साखी महा पुरख बोलदे साझी सगल जहानै ॥ गुरमुखि होइ सु भउ करे आपणा आपु पछाणै ॥ गुर परसादी जीवतु मरै ता मन ही ते मनु मानै ॥ जिन कउ मन की परतीति नाही नानक से किआ कथहि गिआनै ॥१॥ मः ३ ॥ गुरमुखि चितु न लाइओ अंति दुखु पहुता […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 27 अगस्त 2025

अंग : 671 धनासरी महला ५ ॥ जिस का तनु मनु धनु सभु तिस का सोई सुघड़ु सुजानी ॥ तिन ही सुणिआ दुखु सुखु मेरा तउ बिधि नीकी खटानी ॥१॥ जीअ की एकै ही पहि मानी ॥ अवरि जतन करि रहे बहुतेरे तिन तिलु नही कीमति जानी ॥ रहाउ ॥ अम्रित नामु निरमोलकु हीरा गुरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 22 जुलाई 2023

सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि ॥ दुखु लागा बहु अति घणा पुतु कलतु न साथि कोई जासि ॥ लोका विचि मुहु काला होआ अंदरि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 16 दसंबर 2022

धनासरी, भगत रवि दास जी की ੴ सतिगुर परसाद हम सरि दीनु दइआल न तुम सरि अब पतिआरू किया कीजे ॥ बचनी तोर मोर मनु माने जन कऊ पूरण दीजे ॥१॥ हउ बलि बलि जाउ रमईआ कारने ॥ कारन कवन अबोल ॥ रहाउ ॥ बहुत जनम बिछुरे थे माधउ इहु जनमु तुम्हारे लेखे ॥ कहि […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 13 फरवरी 2025

धनासरी महला ५ घरु ६ असटपदी ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जो जो जूनी आइओ तिह तिह उरझाइओ माणस जनमु संजोगि पाइआ ॥ ताकी है ओट साध राखहु दे करि हाथ करि किरपा मेलहु हरि राइआ ॥१॥ अनिक जनम भ्रमि थिति नही पाई ॥ करउ सेवा गुर लागउ चरन गोविंद जी का मारगु देहु जी बताई […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 सतंबर 2023

रागु धनासिरी महला ३ घरु ४ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हम भीखक भेखारी तेरे तू निज पति है दाता ॥ होहु दैआल नामु देहु मंगत जन कंउ सदा रहउ रंगि राता ॥१॥ हंउ बलिहारै जाउ साचे तेरे नाम विटहु ॥ करण कारण सभना का एको अवरु न दूजा कोई ॥१॥ रहाउ ॥ बहुते फेर पए […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 19 अक्टूबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिनि कीने वसि अपुनै त्रै गुण भवण चतुर संसारा ॥ जग इसनान ताप थान खंडे किआ इहु जंतु विचारा ॥१॥ प्रभ की ओट गही तउ छूटो ॥ साध प्रसादि हरि हरि हरि गाए बिखै बिआधि तब हूटो ॥१॥ रहाउ ॥ नह सुणीऐ नह मुख ते बकीऐ नह मोहै उह डीठी ॥ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 12 मई 2024

सोरठि महला ५ घरु ३ चउपदे ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ मिलि पंचहु नही सहसा चुकाइआ ॥ सिकदारहु नह पतीआइआ ॥ उमरावहु आगै झेरा ॥ मिलि राजन राम निबेरा ॥१॥ अब ढूढन कतहु न जाई ॥ गोबिद भेटे गुर गोसाई ॥ रहाउ ॥ आइआ प्रभ दरबारा ॥ ता सगली मिटी पूकारा ॥ लबधि आपणी पाई ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 8 फरवरी 2024

सोरठि महला १ ॥ जिन्ही सतिगुरु सेविआ पिआरे तिन्ह के साथ तरे ॥ तिन्हा ठाक न पाईऐ पिआरे अम्रित रसन हरे ॥ बूडे भारे भै बिना पिआरे तारे नदरि करे ॥१॥ भी तूहै सालाहणा पिआरे भी तेरी सालाह ॥ विणु बोहिथ भै डुबीऐ पिआरे कंधी पाइ कहाह ॥१॥ रहाउ ॥ सालाही सालाहणा पिआरे दूजा अवरु […]

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