संधिआ वेले का हुक्मनामा – 23 जुलाई 2024

धनासरी महला ४ ॥ कलिजुग का धरमु कहहु तुम भाई किव छूटह हम छुटकाकी ॥ हरि हरि जपु बेड़ी हरि तुलहा हरि जपिओ तरै तराकी ॥१॥ हरि जी लाज रखहु हरि जन की ॥ हरि हरि जपनु जपावहु अपना हम मागी भगति इकाकी ॥ रहाउ ॥ हरि के सेवक से हरि पिआरे जिन जपिओ हरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 8 मार्च 2024

आसा ॥ आनीले कु्मभ भराईले ऊदक ठाकुर कउ इसनानु करउ ॥ बइआलीस लख जी जल महि होते बीठलु भैला काइ करउ ॥१॥जत्र जाउ तत बीठलु भैला ॥ महा अनंद करे सद केला ॥१॥ रहाउ॥आनीले फूल परोईले माला ठाकुर की हउ पूज करउ ॥ पहिले बासु लई है भवरह बीठल भैला काइ करउ ॥२॥आनीले दूधु रीधाईले […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 मार्च 2023

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 2 दसंबर 2023

धनासरी महला ३ ॥ सदा धनु अंतरि नामु समाले ॥ जीअ जंत जिनहि प्रतिपाले ॥ मुकति पदारथु तिन कउ पाए ॥ हरि कै नामि रते लिव लाए ॥१॥ गुर सेवा ते हरि नामु धनु पावै ॥ अंतरि परगासु हरि नामु धिआवै ॥ रहाउ ॥ इहु हरि रंगु गूड़ा धन पिर होइ ॥ सांति सीगारु रावे […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 24 जून 2024

सलोक मः ५ ॥ करि किरपा किरपाल आपे बखसि लै ॥ सदा सदा जपी तेरा नामु सतिगुर पाइ पै ॥ मन तन अंतरि वसु दूखा नासु होइ ॥ हथ देइ आपि रखु विआपै भउ न कोइ ॥ गुण गावा दिनु रैणि एतै कमि लाइ ॥ संत जना कै संगि हउमै रोगु जाइ ॥ सरब निरंतरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 13 अगस्त 2024

धनासरी महला ५ घरु ६ असटपदी ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जो जो जूनी आइओ तिह तिह उरझाइओ माणस जनमु संजोगि पाइआ ॥ ताकी है ओट साध राखहु दे करि हाथ करि किरपा मेलहु हरि राइआ ॥१॥ अनिक जनम भ्रमि थिति नही पाई ॥ करउ सेवा गुर लागउ चरन गोविंद जी का मारगु देहु जी बताई […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 1 अप्रैल 2023

सोरठि महला ५ ॥ सतिगुर पूरे भाणा ॥ ता जपिआ नामु रमाणा ॥ गोबिंद किरपा धारी ॥ प्रभि राखी पैज हमारी ॥१॥ हरि के चरन सदा सुखदाई ॥ जो इछहि सोई फलु पावहि बिरथी आस न जाई ॥१॥ रहाउ ॥ क्रिपा करे जिसु प्रानपति दाता सोई संतु गुण गावै ॥ प्रेम भगति ता का मनु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 मई 2024

गूजरी महला ५ ॥ जिसु मानुख पहि करउ बेनती सो अपनै दुखि भरिआ ॥ पारब्रहमु जिनि रिदै अराधिआ तिनि भउ सागरु तरिआ ॥१॥ गुर हरि बिनु को न ब्रिथा दुखु काटै ॥ प्रभु तजि अवर सेवकु जे होई है तितु मानु महतु जसु घाटै ॥१॥ रहाउ ॥ माइआ के सनबंध सैन साक कित ही कामि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 06 जून 2025

अंग : 614 सोरठि महला ५ ॥ मिरतक कउ पाइओ तनि सासा बिछुरत आनि मिलाइआ ॥ पसू परेत मुगध भए स्रोते हरि नामा मुखि गाइआ ॥१॥ पूरे गुर की देखु वडाई ॥ ता की कीमति कहणु न जाई ॥ रहाउ ॥ दूख सोग का ढाहिओ डेरा अनद मंगल बिसरामा ॥ मन बांछत फल मिले अचिंता […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 17 मार्च 2024

सोरठि महला ५ ॥ सतिगुर पूरे भाणा ॥ ता जपिआ नामु रमाणा ॥ गोबिंद किरपा धारी ॥ प्रभि राखी पैज हमारी ॥१॥ हरि के चरन सदा सुखदाई ॥ जो इछहि सोई फलु पावहि बिरथी आस न जाई ॥१॥ रहाउ ॥ क्रिपा करे जिसु प्रानपति दाता सोई संतु गुण गावै ॥ प्रेम भगति ता का मनु […]

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