अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 दसंबर 2022

जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴसतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु दि्रड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु गुर […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 22 जुलाई 2023

सलोकु मः ३ ॥ पूरबि लिखिआ कमावणा जि करतै आपि लिखिआसु ॥ मोह ठगउली पाईअनु विसरिआ गुणतासु ॥ मतु जाणहु जगु जीवदा दूजै भाइ मुइआसु ॥ जिनी गुरमुखि नामु न चेतिओ से बहणि न मिलनी पासि ॥ दुखु लागा बहु अति घणा पुतु कलतु न साथि कोई जासि ॥ लोका विचि मुहु काला होआ अंदरि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 18 दसंबर 2022

धनासरी महला ५ ॥ जतन करै मानुख डहकावै ओहु अंतरजामी जानै ॥ पाप करे करि मूकरि पावै भेख करै निरबानै ॥१॥ जानत दूरि तुमहि प्रभ नेरि ॥ उत ताकै उत ते उत पेखै आवै लोभी फेरि ॥ रहाउ ॥ जब लगु तुटै नाही मन भरमा तब लगु मुकतु न कोई ॥ कहु नानक दइआल सुआमी […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 22 अगस्त 2023

धनासरी महला ४ ॥ मेरे साहा मै हरि दरसन सुखु होइ ॥ हमरी बेदनि तू जानता साहा अवरु किआ जानै कोइ ॥ रहाउ ॥ साचा साहिबु सचु तू मेरे साहा तेरा कीआ सचु सभु होइ ॥ झूठा किस कउ आखीऐ साहा दूजा नाही कोइ ॥१॥ सभना विचि तू वरतदा साहा सभि तुझहि धिआवहि दिनु राति […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 25 दसंबर 2022

वडहंसु महला ४ ॥ हरि किरपा हरि किरपा करि सतिगुरु मेलि सुखदाता राम ॥ हम पूछह हम पूछह सतिगुर पासि हरि बाता राम ॥ सतिगुर पासि हरि बात पूछह जिनि नामु पदारथु पाइआ ॥ पाइ लगह नित करह बिनंती गुरि सतिगुरि पंथु बताइआ ॥ सोई भगतु दुखु सुखु समतु करि जाणै हरि हरि नामि हरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 13 जनवरी 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिनि तुम भेजे तिनहि बुलाए सुख सहज सेती घरि आउ ॥ अनद मंगल गुन गाउ सहज धुनि निहचल राजु कमाउ ॥१॥ तुम घरि आवहु मेरे मीत ॥ तुमरे दोखी हरि आपि निवारे अपदा भई बितीत ॥ रहाउ ॥ प्रगट कीने प्रभ करनेहारे नासन भाजन थाके ॥ घरि मंगल वाजहि नित वाजे […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 24 नवंबर 2022

धनासरी महला १ घरु २ असटपदीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ गुरु सागरु रतनी भरपूरे ॥ अम्रितु संत चुगहि नही दूरे ॥ हरि रसु चोग चुगहि प्रभ भावै ॥ सरवर महि हंसु प्रानपति पावै ॥१॥ किआ बगु बपुड़ा छपड़ी नाइ ॥ कीचड़ि डूबै मैलु न जाइ ॥१॥ रहाउ ॥ रखि रखि चरन धरे वीचारी ॥ दुबिधा […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 16 अक्टूबर 2024

रागु वडहंसु महला १ घरु ५ अलाहणीआ ॥ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ धंनु सिरंदा सचा पातिसाहु जिनि जगु धंधै लाइआ ॥ मुहलति पुनी पाई भरी जानीअड़ा घति चलाइआ ॥ जानी घति चलाइआ लिखिआ आइआ रुंने वीर सबाए ॥ कांइआ हंस थीआ वेछोड़ा जां दिन पुंने मेरी माए ॥ जेहा लिखिआ तेहा पाइआ जेहा पुरबि कमाइआ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 1 जून 2023

सलोक ॥ रचंति जीअ रचना मात गरभ असथापनं ॥ सासि सासि सिमरंति नानक महा अगनि न बिनासनं ॥१॥ मुखु तलै पैर उपरे वसंदो कुहथड़ै थाइ ॥ नानक सो धणी किउ विसारिओ उधरहि जिस दै नाइ ॥२॥ जो परमात्मा जीवों की बनावट बनता है और उनको माँ के पेट में जगह देता है, हे नानक! जीव […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 29 मार्च 2024

धनासिरी महला ५ ॥ अब हरि राखनहारु चितारिआ ॥ पतित पुनीत कीए खिन भीतरि सगला रोगु बिदारिआ ॥१॥ रहाउ ॥ गोसटि भई साध कै संगमि काम क्रोधु लोभु मारिआ ॥ सिमरि सिमरि पूरन नाराइन संगी सगले तारिआ ॥१॥ अउखध मंत्र मूल मन एकै मनि बिस्वासु प्रभ धारिआ ॥ चरन रेन बांछै नित नानकु पुनह पुनह […]

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