अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 29 मार्च 2025

ਅੰਗ : 696 जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु द्रिड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 26 जुलाई 2024

सलोकु मः ३ वाहु वाहु आपि अखाइदा गुर सबदी सचु सोइ ॥ वाहु वाहु सिफति सलाह है गुरमुखि बूझै कोइ ॥ वाहु वाहु बाणी सचु है सचि मिलावा होइ ॥ नानक वाहु वाहु करतिआ प्रभु पाइआ करमि परापति होइ ॥१॥ कोई (एकाध) गुरमुख समझता है की ‘वाह वाह’ कहना परमात्मा की सिफत सलाह करनी है, […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 8 अक्टूबर 2024

बिलावलु महला ५ ॥ सिमरि सिमरि प्रभु आपना नाठा दुख ठाउ ॥ बिस्राम पाए मिलि साधसंगि ता ते बहुड़ि न धाउ ॥१॥ बलिहारी गुर आपने चरनन्ह बलि जाउ ॥ अनद सूख मंगल बने पेखत गुन गाउ ॥१॥ रहाउ ॥ कथा कीरतनु राग नाद धुनि इहु बनिओ सुआउ ॥ नानक प्रभ सुप्रसंन भए बांछत फल पाउ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 7 सतंबर 2024

रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ जब जरीऐ तब होइ भसम तनु रहै किरम दल खाई ॥ काची गागरि नीरु परतु है इआ तन की इहै बडाई ॥१॥ काहे भईआ फिरतौ फूलिआ फूलिआ ॥ जब दस मास उरध मुख रहता सो दिनु कैसे भूलिआ ॥१॥ रहाउ ॥ जिउ मधु माखी तिउ सठोरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 7 जनवरी 2023

जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴसतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु दि्रड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु गुर […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 2 अक्टूबर 2023

सोरठि महला ९ ॥ मन की मन ही माहि रही ॥ ना हरि भजे न तीरथ सेवे चोटी कालि गही ॥१॥ रहाउ ॥ दारा मीत पूत रथ स्मपति धन पूरन सभ मही ॥ अवर सगल मिथिआ ए जानउ भजनु रामु को सही ॥१॥ फिरत फिरत बहुते जुग हारिओ मानस देह लही ॥ नानक कहत मिलन […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 दसंबर 2023

बिलावलु महला ५ ॥ साधसंगति कै बासबै कलमल सभि नसना ॥ प्रभ सेती रंगि रातिआ ता ते गरभि न ग्रसना ॥१॥ नामु कहत गोविंद का सूची भई रसना ॥ मन तन निरमल होई है गुर का जपु जपना ॥१॥ रहाउ ॥हरि रसु चाखत ध्रापिआ मनि रसु लै हसना ॥ बुधि प्रगास प्रगट भई उलटि कमलु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 4 जुलाई 2024

सोरठि महला ३ दुतुकी ॥ निगुणिआ नो आपे बखसि लए भाई सतिगुर की सेवा लाइ ॥ सतिगुर की सेवा ऊतम है भाई राम नामि चितु लाइ ॥१॥ हरि जीउ आपे बखसि मिलाइ ॥ गुणहीण हम अपराधी भाई पूरै सतिगुरि लए रलाइ ॥ रहाउ ॥ कउण कउण अपराधी बखसिअनु पिआरे साचै सबदि वीचारि ॥ भउजलु पारि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 27 जुलाई 2024

जैतसरी महला ५ ॥ आए अनिक जनम भ्रमि सरणी ॥ उधरु देह अंध कूप ते लावहु अपुनी चरणी ॥१॥ रहाउ ॥ गिआनु धिआनु किछु करमु न जाना नाहिन निरमल करणी ॥ साधसंगति कै अंचलि लावहु बिखम नदी जाइ तरणी ॥१॥ सुख स्मपति माइआ रस मीठे इह नही मन महि धरणी ॥ हरि दरसन त्रिपति नानक […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 29 जनवरी 2025

धनासिरी महला ५ ॥ अब हरि राखनहारु चितारिआ ॥ पतित पुनीत कीए खिन भीतरि सगला रोगु बिदारिआ ॥१॥ रहाउ ॥ गोसटि भई साध कै संगमि काम क्रोधु लोभु मारिआ ॥ सिमरि सिमरि पूरन नाराइन संगी सगले तारिआ ॥१॥ अउखध मंत्र मूल मन एकै मनि बिस्वासु प्रभ धारिआ ॥ चरन रेन बांछै नित नानकु पुनह पुनह […]

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