संधिआ वेले का हुक्मनामा – 8 जनवरी 2023

राग धनासरी, घर ६ में गुरु अर्जन देव जी की बाणी। अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता है। हे प्यारे संत जनो ! मेरी बेनती सुणो, परमात्मा (के सुमिरन) के बिना (माया के बंधनो से) किसी की भी खलासी नहीं होती ।रहाउ। हे मन ! (जीवन को) पवित्र करने वाले (हरि-सुमिरन […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 08 अप्रैल 2025

ਅੰਗ : 661 धनासरी महला १ ॥ नदरि करे ता सिमरिआ जाइ ॥ आतमा द्रवै रहै लिव लाइ ॥ आतमा परातमा एको करै ॥ अंतर की दुबिधा अंतरि मरै ॥१॥ गुर परसादी पाइआ जाइ ॥ हरि सिउ चितु लागै फिरि कालु न खाइ ॥१॥ रहाउ ॥ सचि सिमरिऐ होवै परगासु ॥ ता ते बिखिआ महि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 28 अक्टूबर 2024

धंना ॥ गोपाल तेरा आरता ॥ जो जन तुमरी भगति करंते तिन के काज सवारता ॥१॥ रहाउ ॥ दालि सीधा मागउ घीउ ॥ हमरा खुसी करै नित जीउ ॥ पन्हीआ छादनु नीका ॥ अनाजु मगउ सत सी का ॥१॥ गऊ भैस मगउ लावेरी ॥ इक ताजनि तुरी चंगेरी ॥ घर की गीहनि चंगी ॥ जनु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 13 फरवरी 2024

धनासरी महला ४ ॥ कलिजुग का धरमु कहहु तुम भाई किव छूटह हम छुटकाकी ॥ हरि हरि जपु बेड़ी हरि तुलहा हरि जपिओ तरै तराकी ॥१॥ हरि जी लाज रखहु हरि जन की ॥ हरि हरि जपनु जपावहु अपना हम मागी भगति इकाकी ॥ रहाउ ॥ हरि के सेवक से हरि पिआरे जिन जपिओ हरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 9 मार्च 2023

बिलावलु महला ५ ॥ सोई मलीनु दीनु हीनु जिसु प्रभु बिसराना ॥ करनैहारु न बूझई आपु गनै बिगाना ॥१॥ दूखु तदे जदि वीसरै सुखु प्रभ चिति आए ॥ संतन कै आनंदु एहु नित हरि गुण गाए ॥१॥ रहाउ ॥ ऊचे ते नीचा करै नीच खिन महि थापै ॥ कीमति कही न जाईऐ ठाकुर परतापै ॥२॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 20 नवंबर 2023

धनासरी महला ५ ॥ नामु गुरि दीओ है अपुनै जा कै मसतकि करमा ॥ नामु द्रिड़ावै नामु जपावै ता का जुग महि धरमा ॥१॥ जन कउ नामु वडाई सोभ ॥ नामो गति नामो पति जन की मानै जो जो होग ॥१॥ रहाउ ॥ नाम धनु जिसु जन कै पालै सोई पूरा साहा ॥ नामु बिउहारा […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 29 दसंबर 2023

धनासरी महला ४ ॥ मेरे साहा मै हरि दरसन सुखु होइ ॥ हमरी बेदनि तू जानता साहा अवरु किआ जानै कोइ ॥ रहाउ ॥ साचा साहिबु सचु तू मेरे साहा तेरा कीआ सचु सभु होइ ॥ झूठा किस कउ आखीऐ साहा दूजा नाही कोइ ॥१॥ सभना विचि तू वरतदा साहा सभि तुझहि धिआवहि दिनु राति […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 20 अप्रैल 2024

सोरठि महला ९ ॥ प्रीतम जानि लेहु मन माही ॥ अपने सुख सिउ ही जगु फांधिओ को काहू को नाही ॥१॥ रहाउ ॥ सुख मै आनि बहुतु मिलि बैठत रहत चहू दिसि घेरै ॥ बिपति परी सभ ही संगु छाडित कोऊ न आवत नेरै ॥१॥ घर की नारि बहुतु हितु जा सिउ सदा रहत संग […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 05 जून 2025

अंग : 656 रागु सोरठि बाणी भगत कबीर जी की घरु १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ संतहु मन पवनै सुखु बनिआ ॥ किछु जोगु परापति गनिआ ॥ रहाउ ॥ गुरि दिखलाई मोरी ॥ जितु मिरग पड़त है चोरी ॥ मूंदि लीए दरवाजे ॥ बाजीअले अनहद बाजे ॥१॥ कु्मभ कमलु जलि भरिआ ॥ जलु मेटिआ ऊभा […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 5 मई 2023

धनासरी महला ५ ॥ जतन करै मानुख डहकावै ओहु अंतरजामी जानै ॥ पाप करे करि मूकरि पावै भेख करै निरबानै ॥१॥ जानत दूरि तुमहि प्रभ नेरि ॥ उत ताकै उत ते उत पेखै आवै लोभी फेरि ॥ रहाउ ॥ जब लगु तुटै नाही मन भरमा तब लगु मुकतु न कोई ॥ कहु नानक दइआल सुआमी […]

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