अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 11 अप्रैल 2025

अंग : 531 देवगंधारी ५ ॥* *माई जो प्रभ के गुन गावै ॥ सफल आइआ जीवन फलु ता को पारब्रहम लिव लावै ॥१॥ रहाउ ॥ सुंदरु सुघड़ु सूरु सो बेता जो साधू संगु पावै ॥ नामु उचारु करे हरि रसना बहुड़ि न जोनी धावै ॥१॥ पूरन ब्रहमु रविआ मन तन महि आन न द्रिसटी आवै […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 08 अप्रैल 2025

ਅੰਗ : 661 धनासरी महला १ ॥ नदरि करे ता सिमरिआ जाइ ॥ आतमा द्रवै रहै लिव लाइ ॥ आतमा परातमा एको करै ॥ अंतर की दुबिधा अंतरि मरै ॥१॥ गुर परसादी पाइआ जाइ ॥ हरि सिउ चितु लागै फिरि कालु न खाइ ॥१॥ रहाउ ॥ सचि सिमरिऐ होवै परगासु ॥ ता ते बिखिआ महि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 30 सतंबर 2024

*सोरठि महला ५ घरु ३ चउपदे* *ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* *मिलि पंचहु नही सहसा चुकाइआ ॥ सिकदारहु नह पतीआइआ ॥ उमरावहु आगै झेरा ॥ मिलि राजन राम निबेरा ॥१॥ अब ढूढन कतहु न जाई ॥ गोबिद भेटे गुर गोसाई ॥ रहाउ ॥ आइआ प्रभ दरबारा ॥ ता सगली मिटी पूकारा ॥ लबधि आपणी पाई ॥ […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 17 अक्तूबर 2025

अंग : 679-680 धनासरी महला ५ ॥ जा कउ हरि रंगु लागो इसु जुग महि सो कहीअत है सूरा ॥ आतम जिणै सगल वसि ता कै जा का सतिगुरु पूरा ॥१॥ ठाकुरु गाईऐ आतम रंगि ॥ सरणी पावन नाम धिआवन सहजि समावन संगि ॥१॥ रहाउ ॥ जन के चरन वसहि मेरै हीअरै संगि पुनीता देही […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 16 अप्रैल 2025

अंग : 656 सोरठि ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ बहु परपंच करि पर धनु लिआवै ॥ सुत दारा पहि आनि लुटावै ॥१॥ मन मेरे भूले कपटु न कीजै ॥ अंति निबेरा तेरे जीअ पहि लीजै ॥१॥ रहाउ ॥ छिनु छिनु तनु छीजै जरा जनावै ॥ तब तेरी ओक कोई पानीओ न पावै ॥२॥ कहतु कबीरु कोई […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 3 अक्टूबर 2024

सलोकु मः ३ ॥* *पड़णा गुड़णा संसार की कार है अंदरि त्रिसना विकारु ॥ हउमै विचि सभि पड़ि थके दूजै भाइ खुआरु ॥ सो पड़िआ सो पंडितु बीना गुर सबदि करे वीचारु ॥ अंदरु खोजै ततु लहै पाए मोख दुआरु ॥ गुण निधानु हरि पाइआ सहजि करे वीचारु ॥ धंनु वापारी नानका जिसु गुरमुखि नामु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 29 सतंबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ गई बहोड़ु बंदी छोड़ु निरंकारु दुखदारी ॥ करमु न जाणा धरमु न जाणा लोभी माइआधारी ॥ नामु परिओ भगतु गोविंद का इह राखहु पैज तुमारी ॥१॥ हरि जीउ निमाणिआ तू माणु ॥ निचीजिआ चीज करे मेरा गोविंदु तेरी कुदरति कउ कुरबाणु ॥ रहाउ ॥ जैसा बालकु भाइ सुभाई लख अपराध कमावै […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 14 सतंबर 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिस का तनु मनु धनु सभु तिस का सोई सुघड़ु सुजानी ॥ तिन ही सुणिआ दुखु सुखु मेरा तउ बिधि नीकी खटानी ॥१॥ जीअ की एकै ही पहि मानी ॥ अवरि जतन करि रहे बहुतेरे तिन तिलु नही कीमति जानी ॥ रहाउ ॥ अम्रित नामु निरमोलकु हीरा गुरि दीनो मंतानी ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 सतंबर 2024

रामकली महला ४ ॥ राम जना मिलि भइआ अनंदा हरि नीकी कथा सुनाइ ॥ दुरमति मैलु गई सभ नीकलि सतसंगति मिलि बुधि पाइ ॥१॥ राम जन गुरमति रामु बोलाइ ॥ जो जो सुणै कहै सो मुकता राम जपत सोहाइ ॥१॥ रहाउ ॥ जे वड भाग होवहि मुखि मसतकि हरि राम जना भेटाइ ॥ दरसनु संत […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 08 अगस्त 2025

अंग : 491 गूजरी महला ३ ॥ तिसु जन सांति सदा मति निहचल जिस का अभिमानु गवाए ॥ सो जनु निरमलु जि गुरमुखि बूझै हरि चरणी चितु लाए ॥१॥ हरि चेति अचेत मना जो इछहि सो फलु होई ॥ गुर परसादी हरि रसु पावहि पीवत रहहि सदा सुखु होई ॥१॥ रहाउ ॥ सतिगुरु भेटे ता […]

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