संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 24 दिसंबर 2025

अंग : 692 दिन ते पहर पहर ते घरीआं आव घटै तनु छीजै ॥ कालु अहेरी फिरै बधिक जिउ कहहु कवन बिधि कीजै ॥१॥ सो दिनु आवन लागा ॥ मात पिता भाई सुत बनिता कहहु कोऊ है का का ॥१॥ रहाउ॥ जब लगु जोति काइआ महि बरतै आपा पसू न बूझै ॥ लालच करै जीवन […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 9 अगस्त 2024

धनासरी महला ३ ॥ नावै की कीमति मिति कही न जाइ ॥ से जन धंनु जिन इक नामि लिव लाइ ॥ गुरमति साची साचा वीचारु ॥ आपे बखसे दे वीचारु ॥१॥ हरि नामु अचरजु प्रभु आपि सुणाए ॥ कली काल विचि गुरमुखि पाए ॥१॥ रहाउ ॥ हम मूरख मूरख मन माहि ॥ हउमै विचि सभ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 19 जुलाई 2024

जैतसरी महला ४ घरु १ चउपदे ੴसतिगुर प्रसादि ॥ मेरै हीअरै रतनु नामु हरि बसिआ गुरि हाथु धरिओ मेरै माथा ॥ जनम जनम के किलबिख दुख उतरे गुरि नामु दीओ रिनु लाथा ॥१॥ मेरे मन भजु राम नामु सभि अरथा ॥ गुरि पूरै हरि नामु दि्रड़ाइआ बिनु नावै जीवनु बिरथा ॥ रहाउ ॥ बिनु गुर […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 1 जुलाई 2024

सोरठि महला ४ ॥ आपे कंडा आपि तराजी प्रभि आपे तोलि तोलाइआ ॥ आपे साहु आपे वणजारा आपे वणजु कराइआ ॥ आपे धरती साजीअनु पिआरै पिछै टंकु चड़ाइआ ॥१॥ मेरे मन हरि हरि धिआइ सुखु पाइआ ॥ हरि हरि नामु निधानु है पिआरा गुरि पूरै मीठा लाइआ ॥ रहाउ ॥ आपे धरती आपि जलु पिआरा […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 23 मई 2024

सलोक ॥ मन इछा दान करणं सरबत्र आसा पूरनह ॥ खंडणं कलि कलेसह प्रभ सिमरि नानक नह दूरणह ॥१॥ हभि रंग माणहि जिसु संगि तै सिउ लाईऐ नेहु ॥ सो सहु बिंद न विसरउ नानक जिनि सुंदरु रचिआ देहु ॥२॥ पउड़ी ॥ जीउ प्रान तनु धनु दीआ दीने रस भोग ॥ ग्रिह मंदर रथ असु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 9 मई 2024

सोरठि महला ५ ॥ माइआ मोह मगनु अंधिआरै देवनहारु न जानै ॥ जीउ पिंडु साजि जिनि रचिआ बलु अपुनो करि मानै ॥१॥ मन मूड़े देखि रहिओ प्रभ सुआमी ॥ जो किछु करहि सोई सोई जाणै रहै न कछूऐ छानी ॥ रहाउ ॥ जिहवा सुआद लोभ मदि मातो उपजे अनिक बिकारा ॥ बहुतु जोनि भरमत दुखु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 25 मार्च 2024

वडहंसु महला ५ घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि मेरै अंतरि लोचा मिलण की पिआरे हउ किउ पाई गुर पूरे ॥ जे सउ खेल खेलाईऐ बालकु रहि न सकै बिनु खीरे ॥ मेरै अंतरि भुख न उतरै अमाली जे सउ भोजन मै नीरे ॥ मेरै मनि तनि प्रेमु पिरम का बिनु दरसन किउ मनु धीरे॥१॥ सुणि […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 21 मार्च 2024

धनासरी महला ५ ॥ त्रिपति भई सचु भोजनु खाइआ ॥ मनि तनि रसना नामु धिआइआ ॥१॥ जीवना हरि जीवना ॥ जीवनु हरि जपि साधसंगि ॥१॥ रहाउ ॥ अनिक प्रकारी बसत्र ओढाए ॥ अनदिनु कीरतनु हरि गुन गाए ॥२॥ हसती रथ असु असवारी ॥ हरि का मारगु रिदै निहारी ॥३॥ मन तन अंतरि चरन धिआइआ ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 12 मार्च 2024

गोंड महला ५ ॥ धूप दीप सेवा गोपाल ॥ अनिक बार बंदन करतार ॥ प्रभ की सरणि गही सभ तिआगि ॥ गुर सुप्रसंन भए वड भागि ॥१॥ आठ पहर गाईऐ गोबिंदु ॥ तनु धनु प्रभ का प्रभ की जिंदु ॥१॥ रहाउ ॥ हरि गुण रमत भए आनंद ॥ पारब्रहम पूरन बखसंद ॥ करि किरपा जन […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 11 मार्च 2024

गूजरी महला ३ ॥ तिसु जन सांति सदा मति निहचल जिस का अभिमानु गवाए ॥ सो जनु निरमलु जि गुरमुखि बूझै हरि चरणी चितु लाए ॥१॥ हरि चेति अचेत मना जो इछहि सो फलु होई ॥ गुर परसादी हरि रसु पावहि पीवत रहहि सदा सुखु होई ॥१॥ रहाउ ॥ सतिगुरु भेटे ता पारसु होवै पारसु […]

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