अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 13 जुलाई 2024

धनासरी महला ५ ॥ जिस कउ बिसरै प्रानपति दाता सोई गनहु अभागा ॥ चरन कमल जा का मनु रागिओ अमिअ सरोवर पागा ॥१॥ तेरा जनु राम नाम रंगि जागा ॥ आलसु छीजि गइआ सभु तन ते प्रीतम सिउ मनु लागा ॥ रहाउ ॥ जह जह पेखउ तह नाराइण सगल घटा महि तागा ॥ नाम उदकु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 12 जुलाई 2024

बिलावलु महला ४ ॥ अंतरि पिआस उठी प्रभ केरी सुणि गुर बचन मनि तीर लगईआ ॥ मन की बिरथा मन ही जाणै अवरु कि जाणै को पीर परईआ ॥१॥ राम गुरि मोहनि मोहि मनु लईआ ॥ हउ आकल बिकल भई गुर देखे हउ लोट पोट होइ पईआ ॥१॥ रहाउ॥ हउ निरखत फिरउ सभि देस दिसंतर […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 17 जून 2024

जो जनु भाउ भगति कछु जानै ता कउ अचरजु काहो ॥ जिउ जलु जल महि पैसि न निकसै तिउ ढुरि मिलिओ जुलाहो ॥१॥ हरि के लोगा मै तउ मति का भोरा ॥ जउ तनु कासी तजहि कबीरा रमईऐ कहा निहोरा ॥१॥ रहाउ ॥ कहतु कबीरु सुनहु रे लोई भरमि न भूलहु कोई ॥ किआ कासी […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 12 मई 2024

बैराड़ी महला ४ ॥ जपि मन हरि हरि नामु नित धिआइ ॥ जो इछहि सोई फलु पावहि फिरि दूखु न लागै आइ ॥१॥ रहाउ ॥ सो जपु सो तपु सा ब्रत पूजा जितु हरि सिउ प्रीति लगाइ ॥ बिनु हरि प्रीति होर प्रीति सभ झूठी इक खिन महि बिसरि सभ जाइ ॥१॥ तू बेअंतु सरब […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 3 मई 2024

सोरठि महला ५ पंचपदा ॥ बिनसै मोहु मेरा अरु तेरा बिनसै अपनी धारी ॥१॥ संतहु इहा बतावहु कारी ॥ जितु हउमै गरबु निवारी ॥१॥ रहाउ ॥ सरब भूत पारब्रहमु करि मानिआ होवां सगल रेनारी ॥२॥ पेखिओ प्रभ जीउ अपुनै संगे चूकै भीति भ्रमारी ॥३॥ अउखधु नामु निरमल जलु अम्रितु पाईऐ गुरू दुआरी ॥४॥ कहु नानक […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 31 मार्च 2024

धनासरी महला ५ छंत ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सतिगुर दीन दइआल जिसु संगि हरि गावीऐ जीउ ॥ अम्रितु हरि का नामु साधसंगि रावीऐ जीउ ॥ भजु संगि साधू इकु अराधू जनम मरन दुख नासए ॥ धुरि करमु लिखिआ साचु सिखिआ कटी जम की फासए ॥ भै भरम नाठे छुटी गाठे जम पंथि मूलि न आवीऐ […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 04 अगस्त 2025

अंग : 623 सोरठि महला ५ ॥ विचि करता पुरखु खलोआ ॥ वालु न विंगा होआ ॥ मजनु गुर आंदा रासे ॥ जपि हरि हरि किलविख नासे ॥१॥ संतहु रामदास सरोवरु नीका ॥ जो नावै सो कुलु तरावै उधारु होआ है जी का ॥१॥ रहाउ ॥ जै जै कारु जगु गावै ॥ मन चिंदिअड़े फल […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 26 जुलाई 2025

अंग : 692 ੴ सतिगुर प्रसादि ॥* *दिन ते पहर पहर ते घरीआं आव घटै तनु छीजै ॥ कालु अहेरी फिरै बधिक जिउ कहहु कवन बिधि कीजै ॥१॥ सो दिनु आवन लागा ॥ मात पिता भाई सुत बनिता कहहु कोऊ है का का ॥१॥ रहाउ ॥ जब लगु जोति काइआ महि बरतै आपा पसू न […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 14 नवंबर 2024

सलोकु मः ३ ॥ पड़णा गुड़णा संसार की कार है अंदरि त्रिसना विकारु ॥ हउमै विचि सभि पड़ि थके दूजै भाइ खुआरु ॥ सो पड़िआ सो पंडितु बीना गुर सबदि करे वीचारु ॥ अंदरु खोजै ततु लहै पाए मोख दुआरु ॥ गुण निधानु हरि पाइआ सहजि करे वीचारु ॥ धंनु वापारी नानका जिसु गुरमुखि नामु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 21 अप्रैल 2024

आसा ॥ जब लगु तेलु दीवे मुखि बाती तब सूझै सभु कोई ॥ तेल जले बाती ठहरानी सूंना मंदरु होई ॥१॥ रे बउरे तुहि घरी न राखै कोई ॥ तूं राम नामु जपि सोई ॥१॥ रहाउ ॥ का की मात पिता कहु का को कवन पुरख की जोई ॥ घट फूटे कोऊ बात न पूछै […]

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