संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 26 फरवरी 2025

सोरठि महला ५ ॥ गुरु पूरा भेटिओ वडभागी मनहि भइआ परगासा ॥ कोइ न पहुचनहारा दूजा अपुने साहिब का भरवासा ॥१॥ अपुने सतिगुर कै बलिहारै ॥ आगै सुखु पाछै सुख सहजा घरि आनंदु हमारै ॥ रहाउ ॥ अंतरजामी करणैहारा सोई खसमु हमारा ॥ निरभउ भए गुर चरणी लागे इक राम नाम आधारा ॥२॥ सफल दरसनु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 15 जुलाई 2024

सोरठि महला १ ॥ जिसु जल निधि कारणि तुम जगि आए सो अंम्रितु गुर पाही जीउ ॥ छोडहु वेसु भेख चतुराई दुबिधा इहु फलु नाही जीउ ॥१॥ मन रे थिरु रहु मतु कत जाही जीउ ॥ बाहरि ढूढत बहुतु दुखु पावहि घरि अंम्रितु घट माही जीउ ॥ रहाउ ॥ अवगुण छोडि गुणा कउ धावहु करि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 22 जून 2024

राग धनासरी, घर ६ में गुरु अर्जन देव जी की बाणी। अकाल पुरख एक है और सतगुरु की कृपा द्वारा मिलता है। हे प्यारे संत जनो ! मेरी बेनती सुणो, परमात्मा (के सुमिरन) के बिना (माया के बंधनो से) किसी की भी खलासी नहीं होती ।रहाउ। हे मन ! (जीवन को) पवित्र करने वाले (हरि-सुमिरन […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 18 अप्रैल 2024

सूही महला ५ ॥ गुर कै बचनि रिदै धिआनु धारी ॥ रसना जापु जपउ बनवारी ॥१॥ सफल मूरति दरसन बलिहारी ॥ चरण कमल मन प्राण अधारी ॥१॥ रहाउ ॥ साधसंगि जनम मरण निवारी ॥ अंम्रित कथा सुणि करन अधारी ॥२॥ काम क्रोध लोभ मोह तजारी ॥ द्रिड़ु नाम दानु इसनानु सुचारी ॥३॥ कहु नानक इहु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 17 अप्रैल 2024

रागु बिलावलु महला ५ दुपदे घरु ५, ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ अवरि उपाव सभि तिआगिआ दारू नामु लइआ ॥ ताप पाप सभि मिटे रोग सीतल मनु भइआ ॥१॥ गुरु पूरा आराधिआ सगला दुखु गइआ ॥ राखनहारै राखिआ अपनी करि मइआ ॥१॥ रहाउ ॥ बाह पकड़ि प्रभि काढिआ कीना अपनइआ ॥ सिमरि सिमरि मन तन सुखी […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 जून 2025

अंग : 495 गूजरी महला ५ चउपदे घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ किरिआचार करहि खटु करमा इतु राते संसारी ॥ अंतरि मैलु न उतरै हउमै बिनु गुर बाजी हारी ॥१॥ मेरे ठाकुर रखि लेवहु किरपा धारी ॥ कोटि मधे को विरला सेवकु होरि सगले बिउहारी ॥१॥ रहाउ ॥ सासत बेद सिम्रिति सभि सोधे सभ […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 13 नवंबर 2024

सोरठि महला १ ॥ जिन्ही सतिगुरु सेविआ पिआरे तिन्ह के साथ तरे ॥ तिन्हा ठाक न पाईऐ पिआरे अम्रित रसन हरे ॥ बूडे भारे भै बिना पिआरे तारे नदरि करे ॥१॥ भी तूहै सालाहणा पिआरे भी तेरी सालाह ॥ विणु बोहिथ भै डुबीऐ पिआरे कंधी पाइ कहाह ॥१॥ रहाउ ॥ सालाही सालाहणा पिआरे दूजा अवरु […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 17 अक्टूबर 2024

सोरठि महला ५ ॥ सूख मंगल कलिआण सहज धुनि प्रभ के चरण निहारिआ ॥ राखनहारै राखिओ बारिकु सतिगुरि तापु उतारिआ ॥१॥ उबरे सतिगुर की सरणाई ॥ जा की सेव न बिरथी जाई ॥ रहाउ ॥ घर महि सूख बाहरि फुनि सूखा प्रभ अपुने भए दइआला ॥ नानक बिघनु न लागै कोऊ मेरा प्रभु होआ किरपाला […]

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संधिआ वेले का हुक्मनामा – 15 जुलाई 2024

सोरठि मः ४ दुतुके ॥ अनिक जनम विछुड़े दुखु पाइआ मनमुखि करम करै अहंकारी ॥ साधू परसत ही प्रभु पाइआ गोबिद सरणि तुमारी ॥१॥ गोबिद प्रीति लगी अति पिआरी ॥ जब सतसंग भए साधू जन हिरदै मिलिआ सांति मुरारी ॥ रहाउ ॥ तू हिरदै गुपतु वसहि दिनु राती तेरा भाउ न बुझहि गवारी ॥ सतिगुरु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 अप्रैल 2024

तिलंग घरु २ महला ५ ॥ तुधु बिनु दूजा नाही कोइ ॥ तू करतारु करहि सो होइ ॥ तेरा जोरु तेरी मनि टेक ॥ सदा सदा जपि नानक एक ॥१॥ सभ ऊपरि पारब्रहमु दातारु ॥ तेरी टेक तेरा आधारु ॥ रहाउ ॥ है तूहै तू होवनहार ॥ अगम अगाधि ऊच आपार ॥ जो तुधु सेवहि […]

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