अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 08 नवंबर 2025

अंग : 506 गूजरी महला ४ घरु २ ॥ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हरि बिनु जीअरा रहि न सकै जिउ बालकु खीर अधारी ॥ अगम अगोचर प्रभु गुरमुखि पाईऐ अपुने सतिगुर कै बलिहारी ॥१॥ मन रे हरि कीरति तरु तारी ॥ गुरमुखि नामु अंम्रित जलु पाईऐ जिन कउ क्रिपा तुमारी ॥ रहाउ ॥ सनक सनंदन […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 06 नवंबर 2025

अंग : 539 बिहागड़ा महला ४ ॥ हउ बलिहारी तिन्ह कउ मेरी जिंदुड़ीए जिन्ह हरि हरि नामु अधारो राम ॥ गुरि सतिगुरि नामु द्रिड़ाइआ मेरी जिंदुड़ीए बिखु भउजलु तारणहारो राम ॥ जिन इक मनि हरि धिआइआ मेरी जिंदुड़ीए तिन संत जना जैकारो राम ॥ नानक हरि जपि सुखु पाइआ मेरी जिंदुड़ीए सभि दूख निवारणहारो राम […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 06 नवंबर 2025

अंग : 739 सूही महला ५ ॥ लालनु राविआ कवन गती री ॥ सखी बतावहु मुझहि मती री ॥१॥ सूहब सूहब सूहवी ॥ अपने प्रीतम कै रंगि रती ॥१॥ रहाउ ॥ पाव मलोवउ संगि नैन भतीरी ॥ जहा पठावहु जांउ तती री ॥२॥ जप तप संजम देउ जती री ॥ इक निमख मिलावहु मोहि प्रानपती […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 06 नवंबर 2025

अंग : 740 सूही महला ५ ॥ गुर कै बचनि रिदै धिआनु धारी ॥ रसना जापु जपउ बनवारी ॥१॥ सफल मूरति दरसन बलिहारी ॥ चरण कमल मन प्राण अधारी ॥१॥ रहाउ ॥ साधसंगि जनम मरण निवारी ॥ अंम्रित कथा सुणि करन अधारी ॥२॥ काम क्रोध लोभ मोह तजारी ॥ द्रिड़ु नाम दानु इसनानु सुचारी ॥३॥ […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 05 नवंबर 2025

अंग : 622 सोरठि महला ५ ॥ सूख सहज आनंदा ॥ प्रभु मिलिओ मनि भावंदा ॥ पूरै गुरि किरपा धारी ॥ ता गति भई हमारी ॥१॥ हरि की प्रेम भगति मनु लीना ॥ नित बाजे अनहत बीना ॥ रहाउ ॥ हरि चरण की ओट सताणी ॥ सभ चूकी काणि लोकाणी ॥ जगजीवनु दाता पाइआ ॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 03 नवंबर 2025

अंग : 682 धनासरी महला ५ ॥ अउखी घड़ी न देखण देई अपना बिरदु समाले ॥ हाथ देइ राखै अपने कउ सासि सासि प्रतिपाले ॥१॥ प्रभ सिउ लागि रहिओ मेरा चीतु ॥ आदि अंति प्रभु सदा सहाई धंनु हमारा मीतु ॥ रहाउ ॥ मनि बिलास भए साहिब के अचरज देखि बडाई ॥ हरि सिमरि सिमरि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 02 नवंबर 2025

अंग : 826 बिलावलु महला ५ ॥ गोबिदु सिमरि होआ कलिआणु ॥ मिटी उपाधि भइआ सुखु साचा अंतरजामी सिमरिआ जाणु ॥१॥ रहाउ ॥ जिस के जीअ तिनि कीए सुखाले भगत जना कउ साचा ताणु ॥ दास अपुने की आपे राखी भै भंजन ऊपरि करते माणु ॥१॥ भई मित्राई मिटी बुराई द्रुसट दूत हरि काढे छाणि […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 अक्तूबर 2025

अंग : 686 धनासरी महला १ ॥ सहजि मिलै मिलिआ परवाणु ॥ ना तिसु मरणु न आवणु जाणु ॥ ठाकुर महि दासु दास महि सोइ ॥ जह देखा तह अवरु न कोइ ॥१॥ गुरमुखि भगति सहज घरु पाईऐ ॥ बिनु गुर भेटे मरि आईऐ जाईऐ ॥१॥ रहाउ ॥ सो गुरु करउ जि साचु द्रिड़ावै ॥ […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 28 अक्तूबर 2025

अंग : 648 सलोकु मः ३ ॥ नानक नावहु घुथिआ हलतु पलतु सभु जाइ ॥ जपु तपु संजमु सभु हिरि लइआ मुठी दूजै भाइ ॥ जम दरि बधे मारीअहि बहुती मिलै सजाइ ॥१॥ मः ३ ॥ संता नालि वैरु कमावदे दुसटा नालि मोहु पिआरु ॥ अगै पिछै सुखु नही मरि जमहि वारो वार ॥ त्रिसना […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 28 अक्तूबर 2025

अंग : 647 सलोकु मः ३ ॥ परथाइ साखी महा पुरख बोलदे साझी सगल जहानै ॥ गुरमुखि होइ सु भउ करे आपणा आपु पछाणै ॥ गुर परसादी जीवतु मरै ता मन ही ते मनु मानै ॥ जिन कउ मन की परतीति नाही नानक से किआ कथहि गिआनै ॥१॥ मः ३ ॥ गुरमुखि चितु न लाइओ […]

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