संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 30 अप्रैल 2025

अंग : 652-653 सलोकु मः ४ ॥ अंतरि अगिआनु भई मति मधिम सतिगुर की परतीति नाही ॥ अंदरि कपटु सभु कपटो करि जाणै कपटे खपहि खपाही ॥ सतिगुर का भाणा चिति न आवै आपणै सुआइ फिराही ॥ किरपा करे जे आपणी ता नानक सबदि समाही ॥१॥ मः ४ ॥ मनमुख माइआ मोहि विआपे दूजै भाइ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 30 अप्रैल 2025

अंग : 461 आसा महला ५ ॥* *दिनु राति कमाइअड़ो सो आइओ माथै ॥ जिसु पासि लुकाइदड़ो सो वेखी साथै ॥ संगि देखै करणहारा काइ पापु कमाईऐ ॥ सुक्रितु कीजै नामु लीजै नरकि मूलि न जाईऐ ॥ आठ पहर हरि नामु सिमरहु चलै तेरै साथे ॥ भजु साधसंगति सदा नानक मिटहि दोख कमाते ॥१॥ वलवंच […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 28 अप्रैल 2025

अंग : 641-642 सोरठि महला ५ घरु २ असटपदीआ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ पाठु पड़िओ अरु बेदु बीचारिओ निवलि भुअंगम साधे ॥ पंच जना सिउ संगु न छुटकिओ अधिक अह्मबुधि बाधे ॥१॥ पिआरे इन बिधि मिलणु न जाई मै कीए करम अनेका ॥ हारि परिओ सुआमी कै दुआरै दीजै बुधि बिबेका ॥ रहाउ ॥ मोनि […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 27 अप्रैल 2025

अंग : 674-675 धनासिरी महला ५ ॥ अब हरि राखनहारु चितारिआ ॥ पतित पुनीत कीए खिन भीतरि सगला रोगु बिदारिआ ॥१॥ रहाउ ॥ गोसटि भई साध कै संगमि काम क्रोधु लोभु मारिआ ॥ सिमरि सिमरि पूरन नाराइन संगी सगले तारिआ ॥१॥ अउखध मंत्र मूल मन एकै मनि बिस्वासु प्रभ धारिआ ॥ चरन रेन बांछै नित […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 25 अप्रैल 2025

अंग : 644 सलोकु मः ३ ॥* *सतिगुर की सेवा सफलु है जे को करे चितु लाइ ॥ मनि चिंदिआ फलु पावणा हउमै विचहु जाइ ॥ बंधन तोड़ै मुकति होइ सचे रहै समाइ ॥ इसु जग महि नामु अलभु है गुरमुखि वसै मनि आइ ॥ नानक जो गुरु सेवहि आपणा हउ तिन बलिहारै जाउ ॥१॥ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 25 अप्रैल 2025

अंग : 862 रागु गोंड महला ५ चउपदे घरु २ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ जीअ प्रान कीए जिनि साजि ॥ माटी महि जोति रखी निवाजि ॥ बरतन कउ सभु किछु भोजन भोगाइ ॥ सो प्रभु तजि मूड़े कत जाइ ॥१॥ पारब्रहम की लागउ सेव ॥ गुर ते सुझै निरंजन देव ॥१॥ रहाउ ॥ जिनि कीए […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 24 अप्रैल 2025

अंग : 683-684 धनासरी महला ५ घरु १२ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ बंदना हरि बंदना गुण गावहु गोपाल राइ ॥ रहाउ ॥ वडै भागि भेटे गुरदेवा ॥ कोटि पराध मिटे हरि सेवा ॥१॥ चरन कमल जा का मनु रापै ॥ सोग अगनि तिसु जन न बिआपै ॥२॥ सागरु तरिआ साधू संगे ॥ निरभउ नामु जपहु […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 24 अप्रैल 2025

अंग : 804 मात पिता सुत साथि न माइआ ॥ साधसंगि सभु दूखु मिटाइआ ॥१॥ रवि रहिआ प्रभु सभ महि आपे ॥ हरि जपु रसना दुखु न विआपे ॥१॥ रहाउ ॥ तिखा भूख बहु तपति विआपिआ ॥ सीतल भए हरि हरि जसु जापिआ ॥२॥ कोटि जतन संतोखु न पाइआ ॥ मनु त्रिपताना हरि गुण गाइआ […]

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अमृत ​​वेले का हुक्मनामा – 23 अप्रैल 2025

अंग : 819 बिलावलु महला ५ ॥ अपणे बालक आपि रखिअनु पारब्रहम गुरदेव ॥ सुख सांति सहज आनद भए पूरन भई सेव ॥१॥ रहाउ ॥भगत जना की बेनती सुणी प्रभि आपि ॥ रोग मिटाइ जीवालिअनु जा का वड परतापु ॥१॥ दोख हमारे बखसिअनु अपणी कल धारी ॥ मन बांछत फल दितिअनु नानक बलिहारी ॥२॥१६॥८०॥ अर्थ: […]

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संधिआ ​​वेले का हुक्मनामा – 22 अप्रैल 2025

अंग : 669-670 धनासरी महला ४ ॥ इछा पूरकु सरब सुखदाता हरि जा कै वसि है कामधेना ॥ सो ऐसा हरि धिआईऐ मेरे जीअड़े ता सरब सुख पावहि मेरे मना ॥१॥ जपि मन सति नामु सदा सति नामु ॥ हलति पलति मुख ऊजल होई है नित धिआईऐ हरि पुरखु निरंजना ॥ रहाउ ॥ जह हरि […]

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